Difference between revisions of "LaTeX-Old-Version/C2/Report-Writing/Hindi"

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इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है जिस में “रिपोर्ट” (Report) लिखना सिखाया जाएगा।   इन तीन खिड़कियों पर ध्यान दें – स्रोत फ़ाइल अथ्वा सोर्स फ़ाइल, ऐड़िटर में है।  मैं “ई-मॆक्स” (Emacs) ऐड़िटर का प्रयोग कर रही हूँ। टर्मिनल पर इसका संचय करने से एक “पी-ड़ी-ऐफ़” फ़ाइल का निर्माण होता है।  पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र में आप इस पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को देख सकतें हैं।  “स्किम” (Skim) मॅक ओ-एस-एक्स में उपलब्द एक निशुल्क पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र है।  यह रीड़र पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल की आधुनिकतम पाठांथर को खोलती है।
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|इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है जिस में “रिपोर्ट” (Report) लिखना सिखाया जाएगा।   
  
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|इन तीन खिड़कियों पर ध्यान दें – स्रोत फ़ाइल अथ्वा सोर्स फ़ाइल, ऐड़िटर में है।
  
लेटेक में डोक्युमेंट बनाते समय खिड़कियों को इस तरह से सजाना आवश्यक नहीं है।  इस बात को भी समझें कि आप कोई भी ऐड़िटर या पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र का प्रयोग कर सकतें हैं।  लेटेक को उपयोग करने की प्रक्रिया हर यूनिक्स सिस्टम पर एक जैसा ही है, लिनक्स सहीत।  शायद, विन्ड़ोज़ पर यह अलग हों।  बहरहाल, स्रोत फ़ाइल हर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक जैसा ही है।  इस लिए विन्ड़ोज़ पर लेटेक का स्रोत फ़ाइल किसी भी परिवर्तन के बिना यूनिक्स सिस्टमस पर चलेगी।  इस श्रेणी में सबसे पहला स्पोकन  ट्युटोरियल “कम्पाइलिंग” (Compiling) पर है जिस में संक्षिप्त में लेटेक का परिचय दिया गया है।  आप चाहें तो इसका अवलोकन कर सकतें हैं।
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|मैं “ई-मॆक्स” (Emacs) ऐड़िटर का प्रयोग कर रही हूँ।
  
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|टर्मिनल पर इसका संचय करने से एक “पी-ड़ी-ऐफ़” फ़ाइल का निर्माण होता है।  पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र में आप इस पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को देख सकतें हैं। 
  
मैं बारह “फ़ोंट साइज़” (font size) या हस्ताक्षर प्रणाली दरजे और “आरटिकल क्लास” (article class) का प्रयोग कर रही हूँ।  मैंने वर्ग, उप-वर्ग और उप-उप-वर्ग के शीर्षकों को परिभाषित कर दिया है। इन सब के तर्क, आउटपुट में उचित स्थान पर प्रतीत होगा।  वर्ग शीर्षकों के सविशेष आकृति  पर ध्यान दें। स्रोत फ़ाइल में रिक्त पंक्तियों के बावजूद, आउटपुट वैसा ही रहता है। यहाँ पर कुछ रिक्त पंक्तियाँ जोड़ेंगे। सुरक्षीत करके संचय करेंगे।    कोई फ़र्क नहीं पड़ता।  स्रोत फ़ाइल को मूल रुप में वापस रखेंगें और संचय करेंगें। 
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|“स्किम” (Skim) मॅक ओ-एस-एक्स में उपलब्द एक निशुल्क पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र है।   यह रीड़र पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल की आधुनिकतम पाठांथर को खोलती है।  
  
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|लेटेक में डोक्युमेंट बनाते समय खिड़कियों को इस तरह से सजाना आवश्यक नहीं है।  इस बात को भी समझें कि आप कोई भी ऐड़िटर या पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र का प्रयोग कर सकतें हैं।
  
शीर्षकों के साइज़ (size) अथ्वा हस्ताक्षर प्रणाली दरजे का स्वत: और अनुपात रिथी से निर्माण होता है।  उदाहरण के लिए – वर्ग का शीर्षक सब से बड़ा है और उप-उप-वर्ग का शीर्षक सब से छोटी है। अगर फ़ोंट साइज़ बदला जाऐं, तब भी इनकी आकृति नहीं बदलती। फ़ोंट साइज़ को ग्यारह करेंगें।  सुरक्षीत करेंगें और इसका संचय करेंगें।  हालांकि, कुल आकार घट गया है,  परंतु उपर बताए गए शीर्षकों की विशेषता बदली नहीं है। फ़ोंट साइज़ को पुनः बारह करेंगें।  
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| लेटेक को उपयोग करने की प्रक्रिया हर यूनिक्स सिस्टम पर एक जैसा ही है, लिनक्स सहीत। शायद, विन्ड़ोज़ पर यह अलग हों। बहरहाल, स्रोत फ़ाइल हर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक जैसा ही है।   
  
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|इस लिए विन्ड़ोज़ पर लेटेक का स्रोत फ़ाइल किसी भी परिवर्तन के बिना यूनिक्स सिस्टमस पर चलेगी।  इस श्रेणी में सबसे पहला स्पोकन  ट्युटोरियल “कम्पाइलिंग” (Compiling) पर है जिस में संक्षिप्त में लेटेक का परिचय दिया गया है। 
  
शीर्षकों  का एक और महत्त्वपूर्ण विशेषता है स्वत: वर्ग अंक की उत्पत्ति। उदाहरण के लिए – यहाँ मैं एक और वर्ग को जोड़ती हूँ।  सुरक्षीत करके संचय करती हूँ।  आउटपुट में मैं एक नए वर्ग का निर्माण करती हूँ जिसका नाम है “इंसर्टेड़ सेक्शन” (inserted section). उचित अंक के साथ यहाँ पर यह प्रतीत होता है।  संक्षेप में, अंतरालन, आकार और विशिष्टता, उदाहरण के लिए - शीर्षक को बोल्ड करना इत्यादि,... लेटेक में स्वत: ही किया जाता है।  
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|आप चाहें तो इसका अवलोकन कर सकतें हैं।
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|मैं बारह “फ़ोंट साइज़” (font size) या हस्ताक्षर प्रणाली दरजे और “आरटिकल क्लास” (article class) का प्रयोग कर रही हूँ।  मैंने वर्ग, उप-वर्ग और उप-उप-वर्ग के शीर्षकों को परिभाषित कर दिया है।  इन सब के तर्क, आउटपुट में उचित स्थान पर प्रतीत होगा।
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| वर्ग शीर्षकों के सविशेष आकृति  पर ध्यान दें। स्रोत फ़ाइल में रिक्त पंक्तियों के बावजूद, आउटपुट वैसा ही रहता है।  यहाँ पर कुछ रिक्त पंक्तियाँ जोड़ेंगे। सुरक्षीत करके संचय करेंगे।    कोई फ़र्क नहीं पड़ता।  स्रोत फ़ाइल को मूल रुप में वापस रखेंगें और संचय करेंगें। 
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|शीर्षकों के साइज़ (size) अथ्वा हस्ताक्षर प्रणाली दरजे का स्वत: और अनुपात रिथी से निर्माण होता है।  उदाहरण के लिए – वर्ग का शीर्षक सब से बड़ा है और उप-उप-वर्ग का शीर्षक सब से छोटी है।  अगर फ़ोंट साइज़ बदला जाऐं, तब भी इनकी आकृति  नहीं बदलती। फ़ोंट साइज़ को ग्यारह करेंगें। 
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|सुरक्षीत करेंगें और इसका संचय करेंगें।  हालांकि, कुल आकार घट गया है,  परंतु उपर बताए गए शीर्षकों की विशेषता बदली नहीं है।  फ़ोंट साइज़ को पुनः बारह करेंगें। 
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|शीर्षकों  का एक और महत्त्वपूर्ण विशेषता है स्वत: वर्ग अंक की उत्पत्ति। उदाहरण के लिए – यहाँ मैं एक और वर्ग को जोड़ती हूँ।  सुरक्षीत करके संचय करती हूँ।  आउटपुट में मैं एक नए वर्ग का निर्माण करती हूँ जिसका नाम है “इंसर्टेड़ सेक्शन” (inserted section).  
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|उचित अंक के साथ यहाँ पर यह प्रतीत होता है।  संक्षेप में, अंतरालन, आकार और विशिष्टता, उदाहरण के लिए - शीर्षक को बोल्ड करना इत्यादि,... लेटेक में स्वत: ही किया जाता है।  
 
   
 
   
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|अब मैं आप को समझाऊँगी कि “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” (table of contents) को कैसे निर्माण करतें हैं।  सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि “रिपोर्ट ड़ॉट टोक” (report.toc) फ़ाइल मौजूद नहीं है।
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| यहाँ कहा गया है कि ऐसा कोई फ़ाइल या ड़िरेक्ट्री मौजूद नहीं है।    रिपोर्ट ड़ॉट टेक स्रोत फ़ाइल है। यहाँ मैं इस आदेश को जोड़ती हूँ – “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” - एक ही शब्द, यहाँ पर।  सुरक्षीत करके संचय करती हूँ।
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|संचालन करते समय सिर्फ़ यह शब्द “कौंटेंट्स” (contents) आउटपुट में प्रतीत होता है और कुछ नहीं।  अब हमारे पास रिपोर्ट ड़ॉट टोक फ़ाइल है।  वर्ग शीर्षक इस टोक फ़ाइल में लिखा जाता है। आइए, इसे देखें।  ठीक है, दोबारा संचय करेंगें।  यहाँ ध्यान दें। 
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|सबी शीर्षक अब टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर, पृष्ठ संख्या के साथ प्रतित हो रहा है।  यहाँ पृष्ठ संख्या एक है, यह टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर है।  इस डोक्युमेंट में एक ही पन्ना है।  यह दौहरा संचय प्रक्रिया शीर्षकों के बदलाव में भी लागू होता है।
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|यहाँ हम एक नया शीर्षक जोड़ेंगें।  मैं इसे "मौड़िफ़ाइड़ सेक्शन" (modified section) का नाम दूँगी। सुरक्षीत करके संचय करुँगी।  आप यहाँ पर परिवर्तन देख सकते हैं लेकिन कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं है।  अब मैं दोबारा संचय करुँगी और यह समस्या सुलज जाएगी।
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|टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के स्थान में भी परिवर्तन लाया जा सकता है। इसे डोक्युमेंट के अंत में ड़ाल देती हूँ।  संचय करती हूँ।  देखिए, यह अब डोक्युमेंट के अंत में प्रतीत हो रहा है।  इसे फ़िर एक बार डोक्युमेंट के शुरुवात में ड़ाल देती हूँ।
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|अब हम डोक्युमेंट के शीर्षक का निर्माण करेंगे।  मैं यह “डॉक्युमेंट क्लास” के ठीक बाद करुँगी।  ऑथर (author)– मैं यहाँ पर नई पंक्तियाँ जोड़ सकती हूँ।  तारिख - आज की तारिख।  और तेरह जुलई, दो हज़ार साथ में निर्मित।  आओ, संचय करें। 
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|कोई परिवर्तन नहीं क्योंकि मैंने लेटेक को बताया नहीं कि इस जानकारी का क्या प्रयोग करना है।  इस लिए मैं यहाँ, डोक्युमेंट के ठीक बाद, “मेक टाइटल” (make title) आदेश जोड़ूँगी।  एक शब्द उस स्थान पर जहाँ मैं शीर्षक को प्रतीत करना चाहती हूँ जो कि डोक्युमेंट के शुरुवात में है।  संचय करने पर यह शीर्षक आउटपुट में प्रतीत होता है।
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|अब हम डोक्युमेंट के क्लास को “आरटिकल” से बदलकर “रिपोर्ट” बनाएंगें।  आओ, यह करें।  संचय करें।  संचालन करने पर यह शीर्षक पुरे पन्ने पर प्रतीत होता है।  कौंटेंट्स नए पन्ने पर प्रतीत होता है जिसकी पृष्ठ संख्या एक है।  अर्थात, शीर्षक पन्ने पर कोई पृष्ठ संख्या नहीं है। 
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|हम यह भी देखते हैं कि वर्ग शीर्षक के नम्बर में शुन्य है।  रिपोर्ट क्लास में अध्याय ज़रुरी है। क्योंकि हमने कोई भी अध्याय परिभाषित नहीं किया है, इस लिए शुन्य संख्या का प्रयोग व्यक्तिक्रम रुप से किया जाता है।  अब उप-उप-वर्ग के साथ कोई भी नम्बर नहीं जुड़ी है। 
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|कौंटेंट्स की जानकारी गलत है, इनमें अब भी पुराने नम्बर हैं।  इस समस्या को सुलजाने के लिए मैं दोबारा संचय करुँगी।  अब हमारे पास नए नम्बर हैं।  आओ, एक नया अध्याय शुरु करें।
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|हम इसे ‘फ़र्स्ट चॅप्टर’ (first chapter) कहेंगे और दो बार संचय करेंगे।  कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं लेकिन अन्य चीज़ें गायब है।  वह इस लिए कि ‘चॅप्टर’ आदेस एक नए पन्ने का निर्माण करता है।  आओ, अगले पन्ने पर जाएं और इसे निश्चित करें।
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| यहाँ नए पन्ने पर ‘चॅप्टर’ शब्द का स्पष्ट रूप देखीए।  अब यहाँ वापस लौटती हूँ।  संचय करती हूँ।  फ़िर एक बार आप देख सकते हो कि नए पन्ने की जानकारी कौंटेंट्स में हैं।     
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|यदि आप अतिरिक्त विषय जोड़ना चाहते हैं तो “अपेंड़िक्स” (appendix) आदेस का प्रयोग करें।  “अपेंड़िक्स” और मैं अपेंड़िक्स के भीतर एक नए अध्याय की शुरुवात करती हूँ। “फ़र्स्ट चॅप्टर इन दी अपेंड़िक्स”।  दो बार संचय करुँगी।
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|आप देख सकते हैं कि “फ़र्स्ट चॅप्टर” यहाँ प्रतीत हो रहा है। आओ, देखें कैसा लगता है।  अपेंड़िक्स ए - एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। और आप देख सकतें हैं कि पन्नों की संख्या अब चार है।  और यह शब्द “अपेंड़िक्स” यहाँ प्रतीत होता है।  आओ, एक और नया अध्याय जोड़ें।
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| संचय करें।  अब पृष्ठ संख्या पाँच हो गई और यह एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। अब हम इसके शुरुवात में जाएंगें।  दोबारा संचय करने पर कौंटेंट्स सही हो जाती है।
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|अगर हमने “रिपोर्ट क्लास” को दोबारा “आरटिकल क्लास” में परिवर्थित किया तो क्या होगा?  हम यहाँ जाएंगें और संचय करेंगे।  संचय करने पर, लेटेक शिकायत करता है कि कुछ गड़बड़ है।  अच्छा, जब लेटेक इस तरह से रुक जाता है, तब इसे सुलजाने के दो तरीकें हैं। 
  
अब मैं आप को समझाऊँगी कि “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” (table of contents) को कैसे निर्माण करतें हैं।  सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि “रिपोर्ट ड़ॉट टोक” (report.toc) फ़ाइल मौजूद नहीं है। यहाँ कहा गया है कि ऐसा कोई फ़ाइल या ड़िरेक्ट्री मौजूद नहीं है।    रिपोर्ट ड़ॉट टेक स्रोत फ़ाइल है। यहाँ मैं इस आदेश को जोड़ती हूँ – “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” - एक ही शब्द, यहाँ पर।  सुरक्षीत करके संचय करती हूँ।  संचालन करते समय सिर्फ़ यह शब्द “कौंटेंट्स” (contents) आउटपुट में प्रतीत होता है और कुछ नहीं।  अब हमारे पास रिपोर्ट ड़ॉट टोक फ़ाइल है।  वर्ग शीर्षक इस टोक फ़ाइल में लिखा जाता है। आइए, इसे देखें।  ठीक है, दोबारा संचय करेंगें।  यहाँ ध्यान दें।  सबी शीर्षक अब टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर, पृष्ठ संख्या के साथ प्रतित हो रहा है।  यहाँ पृष्ठ संख्या एक है, यह टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर है।  इस डोक्युमेंट में एक ही पन्ना है।  यह दौहरा संचय प्रक्रिया शीर्षकों के बदलाव में भी लागू होता है।
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|पहला, “एक्स” (x) टाइप करके “एक्ज़ीट” (exit) करना। साधारणतः पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल में पिछले सारे पन्ने होतें हैं लेकिन इस विशेष स्थिति में आउटपुट में कोई भी पन्ना नहीं है।  तुरंत स्रोत फ़ाइल में जाकर, समस्याओं को संशोधित करके हम आगे बढ़ सकतें हैं।
  
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|इन त्रुटियों का पता लगाना आसान है यदि शुरुआत से ही अक्सर संचय किया जाए।  कोई भी गलती तुरंत पकड़ा जाएगा।  कभी-कभी जब लेटेक त्रुटियों की वजह से रुख जाती है, तब मैं डॉक्युमेंट को वहीं पर समाप्त करती हूँ।  सभी खुले वातावरण को बंद करें और पता लगाने की कोशिश करें कि गलती कहाँ हुई है और उसे ठीक करें।
  
यहाँ हम एक नया शीर्षक जोड़ेंगें।  मैं इसे "मौड़िफ़ाइड़ सेक्शन" (modified section) का नाम दूँगी। सुरक्षीत करके संचय करुँगी।  आप यहाँ पर परिवर्तन देख सकते हैं लेकिन कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं है।  अब मैं दोबारा संचय करुँगी और यह समस्या सुलज जाएगी। टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के स्थान में भी परिवर्तन लाया जा सकता है। इसे डोक्युमेंट के अंत में ड़ाल देती हूँ।  संचय करती हूँ।  देखिए, यह अब डोक्युमेंट के अंत में प्रतीत हो रहा है।  इसे फ़िर एक बार डोक्युमेंट के शुरुवात में ड़ाल देती हूँ।
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|13:21
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|लेटेक “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” (end document) आदेश के बाद आने वाले सारे आदेशों को अनदेखा करता है, इस लिए हमें भी उसकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं। त्रुटि को ठीक करने के बाद मध्यवर्ती “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” आदेश हटाया जा सकता है।  
  
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|13:39
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|जब भी लेटेक एक त्रुटि के कारण रुख जाता है, तब हम लेटेक को उसे अनदेखा करके आगे बढ़ने का आदेश दे सकतें हैं। “रिटर्न” या “एन्टर” (enter) कुंजी अथ्वा “की” (key) को दबाएं जैसे कि मैंने अबी किया।  अब हमारे पास दो पन्ने हैं।
  
अब हम डोक्युमेंट के शीर्षक का निर्माण करेंगे। मैं यह “डॉक्युमेंट क्लास” के ठीक बाद करुँगी।  ऑथर (author)– मैं यहाँ पर नई पंक्तियाँ जोड़ सकती हूँ। तारिख - आज की तारिख। और तेरह जुलई, दो हज़ार साथ में निर्मित। आओ, संचय करें।  कोई परिवर्तन नहीं क्योंकि मैंने लेटेक को बताया नहीं कि इस जानकारी का क्या प्रयोग करना है।  इस लिए मैं यहाँ, डोक्युमेंट के ठीक बाद, “मेक टाइटल” (make title) आदेश जोड़ूँगी। एक शब्द उस स्थान पर जहाँ मैं शीर्षक को प्रतीत करना चाहती हूँ जो कि डोक्युमेंट के शुरुवात में है।  संचय करने पर यह शीर्षक आउटपुट में प्रतीत होता है।
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|पहले पन्ने पर जाएं - सबी जानकारी गड़बड़ाई-सी लग रही है। गलती यह है कि “चॅप्टर” यहाँ है। आओ, इसे निकाल देते हैँ। संचय करते हैं। अच्छा, दोबारा करते हैं। दोबारा संचय करते हैं। वह शिकायत करता है लेकिन अब एक चॅप्टर दिखाई देती है और वह “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” के भीतर है और “अपेंड़िक्स” में भी है।
  
  
अब हम डोक्युमेंट के क्लास को “आरटिकल” से बदलकर “रिपोर्ट” बनाएंगें।  आओ, यह करें। संचय करें। संचालन करने पर यह शीर्षक पुरे पन्ने पर प्रतीत होता है।  कौंटेंट्स नए पन्ने पर प्रतीत होता है जिसकी पृष्ठ संख्या एक है।  अर्थात, शीर्षक पन्ने पर कोई पृष्ठ संख्या नहीं है।  हम यह भी देखते हैं कि वर्ग शीर्षक के नम्बर में शुन्य है।  रिपोर्ट क्लास में अध्याय ज़रुरी है। क्योंकि हमने कोई भी अध्याय परिभाषित नहीं किया है, इस लिए शुन्य संख्या का प्रयोग व्यक्तिक्रम रुप से किया जाता है।  अब उप-उप-वर्ग के साथ कोई भी नम्बर नहीं जुड़ी है।  कौंटेंट्स की जानकारी गलत है, इनमें अब भी पुराने नम्बर हैं।  इस समस्या को सुलजाने के लिए मैं दोबारा संचय करुँगी।  अब हमारे पास नए नम्बर हैं।  आओ, एक नया अध्याय शुरु करें।
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हम इसे ‘फ़र्स्ट चॅप्टर’ (first chapter) कहेंगे और दो बार संचय करेंगे।  कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं लेकिन अन्य चीज़ें गायब है।  वह इस लिए कि ‘चॅप्टर’ आदेस एक नए पन्ने का निर्माण करता है।  आओ, अगले पन्ने पर जाएं और इसे निश्चित करें।  यहाँ नए पन्ने पर ‘चॅप्टर’ शब्द का स्पष्ट रूप देखीए।  अब यहाँ वापस लौटती हूँ।  संचय करती हूँ।  फ़िर एक बार आप देख सकते हो कि नए पन्ने की जानकारी कौंटेंट्स में हैं।     
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|14:51
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| आओ, इसे भी निकाल देते हैँ। दोबारा संचय करते हैं। ठीक है।  यह अब किसी भी समस्या के बिना चल जाती है और पुरा डॉक्युमेंट एक ही पन्ने पर प्रतीत होता है।  कौंटेंट्स की जानकारी भी सही है।
  
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|15:19
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|अपने ईच्छानुसार स्रोत फ़ाइल में परिवर्तन करें। उदाहरण के लिए – नए वर्ग जोड़ें, मुख्य पाठ में उप-वर्ग जोड़ें, “अपेंड़िक्स” (appendix) में भी और “रिपोर्ट स्टाईल” (report style) में भी। जब तक आप इस विषय के बारे में आश्वस्त न हों, तब तक इस ट्युटोरियल में दिए गए सारे आदेशों का अभ्यास करें। 
  
यदि आप अतिरिक्त विषय जोड़ना चाहते हैं तो “अपेंड़िक्स” (appendix) आदेस का प्रयोग करें। “अपेंड़िक्स” और मैं अपेंड़िक्स के भीतर एक नए अध्याय की शुरुवात करती हूँ। “फ़र्स्ट चॅप्टर इन दी अपेंड़िक्स”। दो बार संचय करुँगी। आप देख सकते हैं कि “फ़र्स्ट चॅप्टर” यहाँ प्रतीत हो रहा है। आओ, देखें कैसा लगता है।  अपेंड़िक्स ए - एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। और आप देख सकतें हैं कि पन्नों की संख्या अब चार है।  और यह शब्द “अपेंड़िक्स” यहाँ प्रतीत होता है।  आओ, एक और नया अध्याय जोड़ें।  संचय करें।  अब पृष्ठ संख्या पाँच हो गई और यह एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। अब हम इसके शुरुवात में जाएंगें। दोबारा संचय करने पर कौंटेंट्स सही हो जाती है।
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|15:44
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|हर भार संचय करके सुनिश्चित करें कि हाल ही में किए गए परिवर्तन स्वीकार्य हैं। शुरुवाती उपयोगकर्ता, जो इस नियम को अनदेखा करतें हैं, बाद में काफी परेशानियों में पड़ जातेँ हैं। इस बात पर पुरा ध्यान दें कि जहाँ तक लेटेक इंजन का संबंध है, सोर्स फ़ाइल ई-मॆक्स में किस तरह से प्रतीत होता है – रंग, वर्ग की साइज़, इत्यादि,... महत्त्वहीन है।   
  
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|16:15
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|लेटेक को सिर्फ़ एक सही सोर्स फ़ाइल की आवश्यकता है न कि वह कैसे बना है।
  
अगर हमने “रिपोर्ट क्लास” को दोबारा “आरटिकल क्लास” में परिवर्थित किया तो क्या होगा?  हम यहाँ जाएंगें और संचय करेंगे।  संचय करने पर, लेटेक शिकायत करता है कि कुछ गड़बड़ है।  अच्छा, जब लेटेक इस तरह से रुक जाता है, तब इसे सुलजाने के दो तरीकें हैं। पहला, “एक्स” (x) टाइप करके “एक्ज़ीट” (exit) करना।  साधारणतः पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल में पिछले सारे पन्ने होतें हैं लेकिन इस विशेष स्थिति में आउटपुट में कोई भी पन्ना नहीं है।  तुरंत स्रोत फ़ाइल में जाकर, समस्याओं को संशोधित करके हम आगे बढ़ सकतें हैं।  इन त्रुटियों का पता लगाना आसान है यदि शुरुआत से ही अक्सर संचय किया जाए।  कोई भी गलती तुरंत पकड़ा जाएगा।  कभी-कभी जब लेटेक त्रुटियों की वजह से रुख जाती है, तब मैं डॉक्युमेंट को वहीं पर समाप्त करती हूँ।  सभी खुले वातावरण को बंद करें और पता लगाने की कोशिश करें कि गलती कहाँ हुई है और उसे ठीक करें। लेटेक “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” (end document) आदेश के बाद आने वाले सारे आदेशों को अनदेखा करता है, इस लिए हमें भी उसकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं। त्रुटि को ठीक करने के बाद मध्यवर्ती “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” आदेश हटाया जा सकता है। जब भी लेटेक एक त्रुटि के कारण रुख जाता है, तब हम लेटेक को उसे अनदेखा करके आगे बढ़ने का आदेश दे सकतें हैं। “रिटर्न” या “एन्टर” (enter) कुंजी अथ्वा “की” (key) को दबाएं जैसे कि मैंने अबी किया।  अब हमारे पास दो पन्ने हैं।  पहले पन्ने पर जाएं - सबी जानकारी गड़बड़ाई-सी लग रही है।  गलती यह है कि “चॅप्टर” यहाँ है। आओ, इसे निकाल देते हैँ।  संचय करते हैं।  अच्छा, दोबारा करते हैं।  दोबारा संचय करते हैं।  वह शिकायत करता है लेकिन अब एक चॅप्टर दिखाई देती है और वह “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” के भीतर है और “अपेंड़िक्स” में भी है। आओ, इसे भी निकाल देते हैँ।  दोबारा संचय करते हैं।  ठीक है।  यह अब किसी भी समस्या के बिना चल जाती है और पुरा डॉक्युमेंट एक ही पन्ने पर प्रतीत होता है। कौंटेंट्स की जानकारी भी सही है।
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|इसी के साथ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ।  इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद।  
  
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|कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट  आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” (kannan@iitb.ac.in) पर भेजें। 
  
अपने ईच्छानुसार स्रोत फ़ाइल में परिवर्तन करें। उदाहरण के लिए – नए वर्ग जोड़ें, मुख्य पाठ में उप-वर्ग जोड़ें, “अपेंड़िक्स” (appendix) में भी और “रिपोर्ट स्टाईल” (report style) में भी। जब तक आप इस विषय के बारे में आश्वस्त न हों, तब तक इस ट्युटोरियल में दिए गए सारे आदेशों का अभ्यास करें।  हर भार संचय करके सुनिश्चित करें कि हाल ही में किए गए परिवर्तन स्वीकार्य हैं। शुरुवाती उपयोगकर्ता, जो इस नियम को अनदेखा करतें हैं,  बाद में  काफी परेशानियों में पड़ जातेँ हैं।  इस बात पर पुरा ध्यान दें कि जहाँ तक लेटेक इंजन का संबंध है, सोर्स फ़ाइल ई-मॆक्स में किस तरह से प्रतीत होता है – रंग, वर्ग की साइज़, इत्यादि,... महत्त्वहीन है।  लेटेक को सिर्फ़ एक सही सोर्स फ़ाइल की आवश्यकता है न कि वह कैसे बना है।
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इसी के साथ मैं  इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ।  इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद।  कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट  आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” (kannan@iitb.ac.in) पर भेजें।  आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं, नॆन्सी, आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।
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|16:36
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|आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं, नॆन्सी, आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।

Revision as of 15:03, 19 September 2014

|{Border=1 |Time |Narration

|- |00:01 |इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है जिस में “रिपोर्ट” (Report) लिखना सिखाया जाएगा।

|- |00:09 |इन तीन खिड़कियों पर ध्यान दें – स्रोत फ़ाइल अथ्वा सोर्स फ़ाइल, ऐड़िटर में है।

|- |00:15 |मैं “ई-मॆक्स” (Emacs) ऐड़िटर का प्रयोग कर रही हूँ।

|- |00:18 |टर्मिनल पर इसका संचय करने से एक “पी-ड़ी-ऐफ़” फ़ाइल का निर्माण होता है। पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र में आप इस पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को देख सकतें हैं।

|- |00:30 |“स्किम” (Skim) मॅक ओ-एस-एक्स में उपलब्द एक निशुल्क पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र है। यह रीड़र पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल की आधुनिकतम पाठांथर को खोलती है।

|- |00:42 |लेटेक में डोक्युमेंट बनाते समय खिड़कियों को इस तरह से सजाना आवश्यक नहीं है। इस बात को भी समझें कि आप कोई भी ऐड़िटर या पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र का प्रयोग कर सकतें हैं।

|- |00:56 | लेटेक को उपयोग करने की प्रक्रिया हर यूनिक्स सिस्टम पर एक जैसा ही है, लिनक्स सहीत। शायद, विन्ड़ोज़ पर यह अलग हों। बहरहाल, स्रोत फ़ाइल हर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक जैसा ही है।

|- |01:12 |इस लिए विन्ड़ोज़ पर लेटेक का स्रोत फ़ाइल किसी भी परिवर्तन के बिना यूनिक्स सिस्टमस पर चलेगी। इस श्रेणी में सबसे पहला स्पोकन ट्युटोरियल “कम्पाइलिंग” (Compiling) पर है जिस में संक्षिप्त में लेटेक का परिचय दिया गया है।


|- |01:29 |आप चाहें तो इसका अवलोकन कर सकतें हैं।

|- |01:33 |मैं बारह “फ़ोंट साइज़” (font size) या हस्ताक्षर प्रणाली दरजे और “आरटिकल क्लास” (article class) का प्रयोग कर रही हूँ। मैंने वर्ग, उप-वर्ग और उप-उप-वर्ग के शीर्षकों को परिभाषित कर दिया है। इन सब के तर्क, आउटपुट में उचित स्थान पर प्रतीत होगा।

|- |01:52 | वर्ग शीर्षकों के सविशेष आकृति पर ध्यान दें। स्रोत फ़ाइल में रिक्त पंक्तियों के बावजूद, आउटपुट वैसा ही रहता है। यहाँ पर कुछ रिक्त पंक्तियाँ जोड़ेंगे। सुरक्षीत करके संचय करेंगे। कोई फ़र्क नहीं पड़ता। स्रोत फ़ाइल को मूल रुप में वापस रखेंगें और संचय करेंगें।

|- |02:27 |शीर्षकों के साइज़ (size) अथ्वा हस्ताक्षर प्रणाली दरजे का स्वत: और अनुपात रिथी से निर्माण होता है। उदाहरण के लिए – वर्ग का शीर्षक सब से बड़ा है और उप-उप-वर्ग का शीर्षक सब से छोटी है। अगर फ़ोंट साइज़ बदला जाऐं, तब भी इनकी आकृति नहीं बदलती। फ़ोंट साइज़ को ग्यारह करेंगें।

|- |02:53 |सुरक्षीत करेंगें और इसका संचय करेंगें। हालांकि, कुल आकार घट गया है, परंतु उपर बताए गए शीर्षकों की विशेषता बदली नहीं है। फ़ोंट साइज़ को पुनः बारह करेंगें।

|- |03:11 |शीर्षकों का एक और महत्त्वपूर्ण विशेषता है स्वत: वर्ग अंक की उत्पत्ति। उदाहरण के लिए – यहाँ मैं एक और वर्ग को जोड़ती हूँ। सुरक्षीत करके संचय करती हूँ। आउटपुट में मैं एक नए वर्ग का निर्माण करती हूँ जिसका नाम है “इंसर्टेड़ सेक्शन” (inserted section).

|- |03:52 |उचित अंक के साथ यहाँ पर यह प्रतीत होता है। संक्षेप में, अंतरालन, आकार और विशिष्टता, उदाहरण के लिए - शीर्षक को बोल्ड करना इत्यादि,... लेटेक में स्वत: ही किया जाता है।

|- |04:11 |अब मैं आप को समझाऊँगी कि “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” (table of contents) को कैसे निर्माण करतें हैं। सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि “रिपोर्ट ड़ॉट टोक” (report.toc) फ़ाइल मौजूद नहीं है।

|- |04:21 | यहाँ कहा गया है कि ऐसा कोई फ़ाइल या ड़िरेक्ट्री मौजूद नहीं है। रिपोर्ट ड़ॉट टेक स्रोत फ़ाइल है। यहाँ मैं इस आदेश को जोड़ती हूँ – “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” - एक ही शब्द, यहाँ पर। सुरक्षीत करके संचय करती हूँ।

|- |04:49 |संचालन करते समय सिर्फ़ यह शब्द “कौंटेंट्स” (contents) आउटपुट में प्रतीत होता है और कुछ नहीं। अब हमारे पास रिपोर्ट ड़ॉट टोक फ़ाइल है। वर्ग शीर्षक इस टोक फ़ाइल में लिखा जाता है। आइए, इसे देखें। ठीक है, दोबारा संचय करेंगें। यहाँ ध्यान दें।

|- |05:22 |सबी शीर्षक अब टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर, पृष्ठ संख्या के साथ प्रतित हो रहा है। यहाँ पृष्ठ संख्या एक है, यह टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के भीतर है। इस डोक्युमेंट में एक ही पन्ना है। यह दौहरा संचय प्रक्रिया शीर्षकों के बदलाव में भी लागू होता है।

|- |05:47 |यहाँ हम एक नया शीर्षक जोड़ेंगें। मैं इसे "मौड़िफ़ाइड़ सेक्शन" (modified section) का नाम दूँगी। सुरक्षीत करके संचय करुँगी। आप यहाँ पर परिवर्तन देख सकते हैं लेकिन कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं है। अब मैं दोबारा संचय करुँगी और यह समस्या सुलज जाएगी।

|- |06:09 |टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स के स्थान में भी परिवर्तन लाया जा सकता है। इसे डोक्युमेंट के अंत में ड़ाल देती हूँ। संचय करती हूँ। देखिए, यह अब डोक्युमेंट के अंत में प्रतीत हो रहा है। इसे फ़िर एक बार डोक्युमेंट के शुरुवात में ड़ाल देती हूँ।


|- |06:48 |अब हम डोक्युमेंट के शीर्षक का निर्माण करेंगे। मैं यह “डॉक्युमेंट क्लास” के ठीक बाद करुँगी। ऑथर (author)– मैं यहाँ पर नई पंक्तियाँ जोड़ सकती हूँ। तारिख - आज की तारिख। और तेरह जुलई, दो हज़ार साथ में निर्मित। आओ, संचय करें।

|- |07:40 |कोई परिवर्तन नहीं क्योंकि मैंने लेटेक को बताया नहीं कि इस जानकारी का क्या प्रयोग करना है। इस लिए मैं यहाँ, डोक्युमेंट के ठीक बाद, “मेक टाइटल” (make title) आदेश जोड़ूँगी। एक शब्द उस स्थान पर जहाँ मैं शीर्षक को प्रतीत करना चाहती हूँ जो कि डोक्युमेंट के शुरुवात में है। संचय करने पर यह शीर्षक आउटपुट में प्रतीत होता है।


|- |08:12 |अब हम डोक्युमेंट के क्लास को “आरटिकल” से बदलकर “रिपोर्ट” बनाएंगें। आओ, यह करें। संचय करें। संचालन करने पर यह शीर्षक पुरे पन्ने पर प्रतीत होता है। कौंटेंट्स नए पन्ने पर प्रतीत होता है जिसकी पृष्ठ संख्या एक है। अर्थात, शीर्षक पन्ने पर कोई पृष्ठ संख्या नहीं है।

|- |08:52 |हम यह भी देखते हैं कि वर्ग शीर्षक के नम्बर में शुन्य है। रिपोर्ट क्लास में अध्याय ज़रुरी है। क्योंकि हमने कोई भी अध्याय परिभाषित नहीं किया है, इस लिए शुन्य संख्या का प्रयोग व्यक्तिक्रम रुप से किया जाता है। अब उप-उप-वर्ग के साथ कोई भी नम्बर नहीं जुड़ी है।

|- |09:17 |कौंटेंट्स की जानकारी गलत है, इनमें अब भी पुराने नम्बर हैं। इस समस्या को सुलजाने के लिए मैं दोबारा संचय करुँगी। अब हमारे पास नए नम्बर हैं। आओ, एक नया अध्याय शुरु करें।

|- |09:39 |हम इसे ‘फ़र्स्ट चॅप्टर’ (first chapter) कहेंगे और दो बार संचय करेंगे। कौंटेंट्स में कोई परिवर्तन नहीं लेकिन अन्य चीज़ें गायब है। वह इस लिए कि ‘चॅप्टर’ आदेस एक नए पन्ने का निर्माण करता है। आओ, अगले पन्ने पर जाएं और इसे निश्चित करें।

|- |10:10 | यहाँ नए पन्ने पर ‘चॅप्टर’ शब्द का स्पष्ट रूप देखीए। अब यहाँ वापस लौटती हूँ। संचय करती हूँ। फ़िर एक बार आप देख सकते हो कि नए पन्ने की जानकारी कौंटेंट्स में हैं।

|- |10:28 |यदि आप अतिरिक्त विषय जोड़ना चाहते हैं तो “अपेंड़िक्स” (appendix) आदेस का प्रयोग करें। “अपेंड़िक्स” और मैं अपेंड़िक्स के भीतर एक नए अध्याय की शुरुवात करती हूँ। “फ़र्स्ट चॅप्टर इन दी अपेंड़िक्स”। दो बार संचय करुँगी।

|- |10:59 |आप देख सकते हैं कि “फ़र्स्ट चॅप्टर” यहाँ प्रतीत हो रहा है। आओ, देखें कैसा लगता है। अपेंड़िक्स ए - एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। और आप देख सकतें हैं कि पन्नों की संख्या अब चार है। और यह शब्द “अपेंड़िक्स” यहाँ प्रतीत होता है। आओ, एक और नया अध्याय जोड़ें।

|- |11:32 | संचय करें। अब पृष्ठ संख्या पाँच हो गई और यह एक नए पन्ने पर प्रतीत होता है। अब हम इसके शुरुवात में जाएंगें। दोबारा संचय करने पर कौंटेंट्स सही हो जाती है।

|- |11:53 |अगर हमने “रिपोर्ट क्लास” को दोबारा “आरटिकल क्लास” में परिवर्थित किया तो क्या होगा? हम यहाँ जाएंगें और संचय करेंगे। संचय करने पर, लेटेक शिकायत करता है कि कुछ गड़बड़ है। अच्छा, जब लेटेक इस तरह से रुक जाता है, तब इसे सुलजाने के दो तरीकें हैं।

|- |12:30 |पहला, “एक्स” (x) टाइप करके “एक्ज़ीट” (exit) करना। साधारणतः पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल में पिछले सारे पन्ने होतें हैं लेकिन इस विशेष स्थिति में आउटपुट में कोई भी पन्ना नहीं है। तुरंत स्रोत फ़ाइल में जाकर, समस्याओं को संशोधित करके हम आगे बढ़ सकतें हैं।

|- |12:52 |इन त्रुटियों का पता लगाना आसान है यदि शुरुआत से ही अक्सर संचय किया जाए। कोई भी गलती तुरंत पकड़ा जाएगा। कभी-कभी जब लेटेक त्रुटियों की वजह से रुख जाती है, तब मैं डॉक्युमेंट को वहीं पर समाप्त करती हूँ। सभी खुले वातावरण को बंद करें और पता लगाने की कोशिश करें कि गलती कहाँ हुई है और उसे ठीक करें।

|- |13:21 |लेटेक “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” (end document) आदेश के बाद आने वाले सारे आदेशों को अनदेखा करता है, इस लिए हमें भी उसकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं। त्रुटि को ठीक करने के बाद मध्यवर्ती “ऐन्ड़ डॉक्युमेंट” आदेश हटाया जा सकता है।

|- |13:39 |जब भी लेटेक एक त्रुटि के कारण रुख जाता है, तब हम लेटेक को उसे अनदेखा करके आगे बढ़ने का आदेश दे सकतें हैं। “रिटर्न” या “एन्टर” (enter) कुंजी अथ्वा “की” (key) को दबाएं जैसे कि मैंने अबी किया। अब हमारे पास दो पन्ने हैं।

|- |14:00 |पहले पन्ने पर जाएं - सबी जानकारी गड़बड़ाई-सी लग रही है। गलती यह है कि “चॅप्टर” यहाँ है। आओ, इसे निकाल देते हैँ। संचय करते हैं। अच्छा, दोबारा करते हैं। दोबारा संचय करते हैं। वह शिकायत करता है लेकिन अब एक चॅप्टर दिखाई देती है और वह “टेबल ऑफ़ कौंटेंट्स” के भीतर है और “अपेंड़िक्स” में भी है।


|- |14:51 | आओ, इसे भी निकाल देते हैँ। दोबारा संचय करते हैं। ठीक है। यह अब किसी भी समस्या के बिना चल जाती है और पुरा डॉक्युमेंट एक ही पन्ने पर प्रतीत होता है। कौंटेंट्स की जानकारी भी सही है।

|- |15:19 |अपने ईच्छानुसार स्रोत फ़ाइल में परिवर्तन करें। उदाहरण के लिए – नए वर्ग जोड़ें, मुख्य पाठ में उप-वर्ग जोड़ें, “अपेंड़िक्स” (appendix) में भी और “रिपोर्ट स्टाईल” (report style) में भी। जब तक आप इस विषय के बारे में आश्वस्त न हों, तब तक इस ट्युटोरियल में दिए गए सारे आदेशों का अभ्यास करें।

|- |15:44 |हर भार संचय करके सुनिश्चित करें कि हाल ही में किए गए परिवर्तन स्वीकार्य हैं। शुरुवाती उपयोगकर्ता, जो इस नियम को अनदेखा करतें हैं, बाद में काफी परेशानियों में पड़ जातेँ हैं। इस बात पर पुरा ध्यान दें कि जहाँ तक लेटेक इंजन का संबंध है, सोर्स फ़ाइल ई-मॆक्स में किस तरह से प्रतीत होता है – रंग, वर्ग की साइज़, इत्यादि,... महत्त्वहीन है।

|- |16:15 |लेटेक को सिर्फ़ एक सही सोर्स फ़ाइल की आवश्यकता है न कि वह कैसे बना है।

|- |16:22 |इसी के साथ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ। इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद।

|- |16:29 |कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” (kannan@iitb.ac.in) पर भेजें।

|- |16:36 |आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं, नॆन्सी, आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Nancyvarkey, Pratibha, Pratik kamble